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अस्थमा के लक्षण | दमा/अस्थमा के आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार

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अस्थमा के लक्षण Symptoms of Asthma

अस्थमा के मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी सर्दी (ठंड) के मौसम में होती है। यह (Asthma) एक ऐसी बीमारी है जिसमें श्वसन नली में सूजन बढ़ जाने के कारण नली सिकुड़ जाती है, जिसकी वजह से अस्थमा जैसी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होने लगती है। 

कई बार ऐसा भी होता है कि कुछ लोगों को शाम के समय, रात में या फिर सुबह सुबह सांस लेने में कुछ ज्यादा ही परेशानी होती है। जो कि हवा के तापमान में परिवर्तन होने की वजह से होता है। 

अस्थमा से निजाद पाने के लिए जानते हैं अस्थमा के घरेलू उपचार

अस्थमा के मरीजों को जब खांसी आती है तो  इसके कारण कफ निकलता है, कई बार या अक्सर ये कफ बाहर नहीं निकलता, और इस वजह से मरीज को बहुत ज्यादा परेशानी होती है। ठंडी के मौसम में अस्थमा के मरीजों को सांस लेने में होने वाली परेशानी से बचना है तो, उन्हें आयुर्वेदिक दवाओं, या चीजों का इस्तेमाल भी करना चाहिए,  क्योंकि इससे अस्थमा जैसी बीमारी को पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है।  

अस्थमा के आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार 

यहां हम आपको कुछ ऐसे ही उपचार या अस्थमा की देशी दवा बता रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप भी अस्थमा से छुटकारा पा सकते हैं। 


लहसुन अस्थमा के लिए 

लहसुन अस्थमा के रोगियों के लिए बहुत लाभदायक होता है। लहसुन को छीलकर उसकी कम से कम पांच कलियों को तोड़कर या काट कर रख लें, अब 100 मि.ली. दूध को हल्का गर्म करें, इसके बाद ये लहसुन की पांच कलियों के टुकड़े उस दूध में अच्छी तरह से उबालें और जब दूध आधा हो जाए तो इसे ठंडा कर लें,(थोड़ा गुनगुना) रहने पर ही रात को सोने से पहले लहसुन सहित पिएं इसका रोज सेवन करने से अस्थमा पूरी तरह से खत्म हो जाता है।

अजवाइन 

अस्थमा या दमा जैसे मर्ज से बहुत लोग पीड़ित  हैं, और अगर आप भी उन्हीं में से एक हैं, मतलब अस्थमा से पीड़ित हैं तो इलाज आपके लिए बहुत ही फायदेमंद और आसान है, इसके लिए आप आधा लीटर पानी में 10 ग्राम अजवाइन डालकर उसे अच्छी तरह उबालें, और उसकी भाप लें। यह अस्थमा का बहुत ही अच्छा इलाज है जो बहुत असरदार साबित होता है। 

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हल्दी-दूध 

आप सभी जानते हैं कि हल्दी बहुत ही गुणकारी होती है, अस्थमा के उपचार के लिए गर्म दूध में हल्दी डालकर अच्छी तरह से उबाल कर रखें, रात को सोने से पहले गुनगुना रहे तभी पिएँ, यह भी बहुत लाभदायक होता है। 

प्याज 

अस्थमा से राहत पाने में कच्चे प्याज का सेवन बहुत लाभदायक होता है, प्याज फेफड़ों की सभी समस्याओं को कम करने में सक्षम होता है, इसलिए प्याज के नियमित इस्तेमाल अस्थमा में आराम मिलता है।


 अंजीर 

अंजीर बहुत गुणकारी होता हैं, यह कफ को जमने से भी रोकता है, इसके लिए सूखी अंजीर को पानी में रातभर भिगोकर रख दें, और इसे सुबह खाली पेट इसे खाएं, इससे श्वसन नली में जमा बलगम /कफ  ढीला हो जाता है और धीरे धीरे बाहर निकल जाता है। 


मेथी दाना

मेथी हमारे घरों में होती ही है, इसके इस्तेमाल से भी आप अस्थमा का इलाज कर सकते हैं, शरीर के अंदर की किसी भी एलर्जी को खत्म करने में मेथी बहुत ही मददगार होती है, एक छोटा चम्मच मेथी के दानों को एक गिलास पानी में अच्छी तरह उबालें, जब पानी एक तिहाई हो जाए, इस पानी में इस एक छोटा चम्मच शहद और अदरक का रस मिलाकर हर रोज सुबह-शाम पिएं, करें, यह भी अस्थमा का सफल उपचार है। 



अदरक 

अदरक के इस्तेमाल से अस्थमा को जड़ से खत्म कर सकते हैं, चाय बनाते समय थोड़ी ज्यादा अदरक के साथ साथ में लहसुन की दो कलियां पीसकर डाल दें, और इसे दिन में कम से कम दो बार बनाकर पिएं, और अदरक का दूसरा रूप सोंठ होता है, इसका चूर्ण बाजार में मिल जाएगा, यह चूर्ण रोज सुबह एक छोटा चम्मच गुनगुने पानी से लें, यह अस्थमा का बेहतरीन इलाज है। इसके अलावा अदरक का एक चम्मच रस निकाल कर उसमें, एक कप उबली हुई मेथी का पानी और स्वादानुसार शहद मिलाकर पीना अत्यंत लाभदायक होता है। 

तुलसी 

तुलसी के पत्ते को हल्का सा कूट कर एक गिलास पानी में अच्छी तरह से उबाल लें, फिर उसमें सोंठ, सेंधा नमक, भुना हुआ जीरा (सभी आधा छोटा चम्मच) आधी चुटकी हींग मिला कर अच्छी तरह से उबाल लें, और फिर दिन में दो बार पिएं, इसे पीने से अस्थमा की समस्या पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।


विटामिन सी युक्त आहार 

अस्थमा में विटामिन-सी  युक्त आहार बहुत ही लाभदायक होता है, इसके लिए विटामिन-सी युक्त फलों और सब्जियों का सेवन करना लाभकारी होता है, संतरा, नींबू, जामुन, पपीता, स्ट्रॉबेरी आदि विटामिन-सी के अच्छे स्रोत माने जाते हैं, सब्जियों में फूलगोभी और पत्तागोभी, इसलिए इसका नियमित सेवन करें, इससे अस्थमा का जड़ से इलाज होता है।


करेला 

करेले का एक चम्मच रस, शहद और तुलसी के पत्ते के रस एक साथ मिलाकर पीने से अस्थमा में जल्दी फायदा होता है, इसलिए अस्थमा का इलाज करने के लिए आप करेले का प्रयोग भी कर सकते हैं।


सरसों के तेल से मसाज 

सरसों के तेल में लहसुन और अजवाइन मिलाकर गर्म करें, या फिर सरसों के तेल में कपूर मिलाकर  सीने और रीढ़ की हड्डी पर  अच्छी तरह से प्रतिदिन मालिश करनी चाहिए।

अस्थमा का आयुर्वेदिक उपचार 

दमा या अस्थमा श्वास लेने में दिक्कत दूषित कफ या फिर सर्दी होने पर कफ न निकल पाने से उत्पन्न होने वाला एक विकार है। यही कफ जब आमाशय द्वारा फेफड़े तथा श्वसन नली में आ जाता है तब यह रोग होता है, इसी कफ को वापस आमाशय में ले जाकर उसे चिकित्सा पद्धति से द्वारा बाहर निकाला जाता है, तब ही अस्थमा का जड़ से इलाज हो सके, इसके लिए आप किसी चिकित्सक से भी परामर्श ले सकते हैं।


अस्थमा के मरीजों को जो सावधानियां बरतनी चाहिए वो इस प्रकार हैं 

बारिश के मौसम में इन मरीजों को ज्यादा परेशानी हो सकती है, ज्यादा ठंड और नमी अस्थमा का मर्ज भी बढ़ा सकती हैं, इन मरीजों को सर्दी से बचाना चाहिए, और इसके अलावा दमा या अस्थमा के मरीज को सर्दी और धूल, धुएं से बचना चाहिए, मास्क जरूर पहनें, इसके अलावा मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती का धुआँ,  ताजा पेंट, कीटनाशक दवाओं, सुगंधित स्प्रे, अगरबत्ती आदि का इस्तेमाल ना करें, या फिर उससे दूरी बनाए रखें, धूम्रपान बिल्कुल भी ना करें। 

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