चिरायता पीने के फायदे और नुकसान - चिरायता पीने के फायदे बेहतरीन हैं, चिरायता का उपयोग प्राचीन काल से ही आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में किया जा रहा है, और आज भी यह उतना ही कारगर है, चिरायता स्वाद में बहुत कड़वा होता है, लेकिन यह कई तरह से फायदेमंद भी होता है, चिरायता पीने के फायदे और नुकसान दोनों ही हैं, लेकिन चिरायता के फायदे जानकर आपको भी आश्चर्य होगा।
यह तो सभी ने देखा है कि, हमारे आसपास, ग्रामीण क्षेत्रों में, सड़क किनारे, या जंगलों में अनेक किस्म पेड़-पौधे होते हैं, जिनमें से कुछ के बारे में हम जानते हैं, लेकिन कई पौधों का तो हमें नाम भी नहीं मालूम होता है, जबकि उन्हीं में से कई पेड़ पौधे आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में उपयोग में लाए जाते हैं। चिरायता भी उनमें से एक है।
चिरायता पीने के फायदे और नुकसान
चिरायता क्या होता है
चिरायता एक आयुर्वेदिक औषधि या जड़ी बूटी है, जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से बुखार, मलेरिया और डायबिटीज जैसी बीमारियों का इलाज करने के लिए किया जाता है, चिरायते में कई तरह के स्वास्थ्यवर्धक तत्व होते हैं, जो कई तरह की बीमारियों को दूर करने और शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होते हैं। चलिए जानते हैं कि, चिरायता पीने के फायदे और नुकसान के बारे में।
चिरायता पीने के फायदे
1. चिरायता त्वचा (skin) के लिए
चिरायता त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है, ये त्वचा पर सूरज की रौशनी से होने वाले दुष्प्रभावों को कम करता है, त्वचा को मुलायम और जवां बनाए रखने में मदद करता है, साथ ही कील मुंहासे और फोड़े फुंसियों से भी बचाता है।
2. चिरायता जोड़ों के दर्द को कम करता है
चिरायता की जड़ों में स्वेटिया मारिन कंपाउंड होता है, जो गठिया या जोड़ों के दर्द में आराम पहुंचाता है, इसलिए जोड़ों के दर्द से छुटकारा पाने के लिए चिरायता महत्वपूर्ण और लाभदायक सिद्ध होता है।
3. चिरायता सर्दी-जुकाम, खांसी और बुखार में
सर्दी-जुकाम, खांसी और बुखार, वायरल इंफेक्शन की वजह से ही होते हैं, और चिरायते में एंटी-वायरल तत्व मौजूद होते हैं, इसलिए ऐसे में चिरायता बहुत ही फायदेमंद साबित होता है।
4. चिरायता पेट के कीड़ों के लिए
चिरायता पेट व आंतों में उत्पन्न होने वाले कीड़ों को मारने या नष्ट करने में सक्षम होता है। इसलिए आयुर्वेदिक चिकित्सा में पेट के कीड़ों को नष्ट करने के लिए चिरायता का इस्तेमाल किया जाता है।
5. मलेरिया के बुखार में चिरायता
प्राचीन काल से ही चिरायता का इस्तेमाल बुखार (ज्वर) के लिए किया जा रहा है, चिरायता किसी भी तरह के बुखार से पीड़ित व्यक्ति को आराम पहुंचाता है, मलेरिया के बुखार में भी चिरायता लाभदायक सिद्ध हुआ है।
6. चिरायता भूख बढ़ाता है
चिरायता भूख को बढ़ाने के लिए भी प्राचीन काल से ही उपयोग में लाया रहा है। अगर आपको भूख नहीं लगती है तो, हफ्ते में दो या तीन दिन चिरायता पिएं, एक दिन में सिर्फ 20 ml. और फर्क दिखाई देने लगेगा, इससे आपकी भूख बढ़ जाएगी और खाना भी जल्दी हजम होने लगेगा।
7. चिरायता लीवर और पाचन शक्ति के लिए
चिरायता के सेवन करने से पाचन तंत्र दुरुस्त होता ही है, साथ में यह आपके लिवर को भी सुरक्षित रखता है, इसके अलावा चिरायता पेट में गैस, दर्द या अन्य कई विकारों से होने वाले नुकसान से भी बचाता है।
8. चिरायता का सेवन उल्टी आने पर
मन मचलने या फिर उल्टी आने पर चिरायता पीना लाभदायक होता है, चिरायता पेट में जमा पित्त को खत्म कर देता है, जिसकी वजह से उल्टी आना या मन मचलने जैसी समस्याओं में भी ये फायदेमंद होता है।
9. चिरायता ब्लड शुगर (डायबिटीज) नियंत्रित करता है
चिरायता डायबिटीज के लेवल को कम करने में मददगार होता है। चिरायता ब्लड में अतिरिक्त शुगर को कम करने वाले तत्व मौजूद होते हैं, जिसकी वजह से यह ब्लड शुगर नियंत्रित करने के लिए भी उपयोग में लाया जाता है।
10. एनीमिया (खून की कमी) के लिए चिरायता
चिरायता का उपयोग प्राचीन काल से ही आयुर्वेद में जड़ी-बूटी के तौर पर किया जाता रहा है। इसलिए एनीमिया के घरेलू उपचार में चिरायता का उपयोग किया जाता है। चिरायता शरीर को खून की कमी से बचाने में सहायक होता है, क्योंकि चिरायता की पत्तियों में कई विटामिन और खनिज मौजूद हैं, जो शरीर में खून को बनाने में भी सहायक होते हैं।
11. पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए
चिरायता का सेवन पाचन शक्ति को बेहतर करता है। चिरायते का कड़वापन शरीर में लार और गैस्ट्रिक जूस को बढ़ा कर बदहजमी की समस्या को कम करता है। और गैस्ट्रिक एंजाइम का उत्पादन कर पाचन में सहायता करता है। चिरायता पित्त के स्राव को बढ़ाता है, जिससे यह पाचन क्रिया में सुधार और कब्ज की समस्या को खत्म करने का कार्य भी करता है।
12. चिरायता खून साफ करने में है सहायक
चिरायता का सेवन करने से खून को साफ भी किया जा सकता है, क्योंकि चिरायता का उपयोग खून साफ करने वाली आयुर्वेदिक दवाएं बनाने के लिए भी किया जाता है।
13. आंखों के लिए फायदेमंद
आंखों के स्वास्थ्य के लिए चिरायता का सेवन करना लाभकारी होता है, चिरायता को आंखों का टॉनिक भी कहा जाता है। दरअसल, चिरायता के पौधे में भी विटामिन-सी होता है, और विटामिन-सी आंखों की रोशनी बेहतर बनाने और बढ़ती उम्र में आंखों में होने वाली बीमारियों से बचाव करता है।
चिरायता का उपयोग कैसे करें
जड़ से लेकर पत्तियों तक चिरायते का पौधा पूर्ण रूप से उपयोग में लाया जाता है। तो चलिए जानते हैं चिरायता का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए।
- अगर ऊपर बताई गई समस्याओं में से कोई भी है, तो आप दिन में दो बार खाना खाने से पहले 50ml. की मात्रा में चिरायते का सेवन कर सकते हैं।
- अगर आप नियमित सेवन करना चाहते हैं तो चिरायता को कम से कम 10 ml. दिन में तीन बार भी हेल्थ टॉनिक की तरह कर सकते हैं।
- चिरायता का अर्क निकलने के लिए 50 ग्राम चिरायता 250 ml. पानी में डालकर उबालें, जब पानी लगभग 150 से 100ml. या आधा रह जाए, तब उसे ठंडा कर लें, और किसी बोतल में भरकर रखें। और बताए गए तरीके से नियमित सेवन करें।
- चिरायता बहुत ही कड़वा होता है, अगर आप इसे सीधे तौर से नहीं पी सकते हैं तो, उसमें शहद मिलाकर भी पी सकते हैं।
चिरायता के नुकसान
चिरायता पीना बहुत ही फायदेमंद होता है, लेकिन कई मामलों में यह आपको नुकसान भी पहुंचा सकता है, चिंता मत कीजिए यह कोई गंभीर नुकसान नहीं होगा, तो चलिए जानते हैं, चिरायता पीने के नुकसान के बारे में
- चिरायता बहुत ही कड़वा होता है, अगर आप इसे सीधे तौर से नहीं पी सकते हैं तो, उसमें शहद मिलाकर भी पी सकते हैं।
- नवजात शिशु को स्तनपान कराने वाली माताएं चिरायते का इस्तेमाल बिलकुल न करें, या फिर बहुत कम करें। या फिर इसके लिए आप डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।
- अगर किसी का ब्लड प्रेशर कम है तो ऐसे में चिरायता नुकसान पहुंचा सकता है, क्योंकि यह ब्लड शुगर को कम करता है।
- चिरायता की तासीर गर्म होती है, इसलिए गर्मी के मौसम में इसका उपयोग कम से कम करें।
- जिन्हें अल्सर की समस्या है, वे लोग भी चिरायते का इस्तेमाल बिलकुल न करें।
चिरायता पीने के फायदे और नुकसान में यहां बताई गई समस्त जानकारी अध्ययन एवं अनुभवों पर आधारित है, चिरयता से होने वाले नुकसान की हम पूरी तरह से पुष्टि नहीं करते, क्योंकि इसका उल्लेख कहीं भी नहीं मिलता है।
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