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PF death claim process online: मृतक आश्रित को मिलते हैं 7 लाख रुपए, आप नहीं जानते होंगे EPFO के नियमों को

PF death claim process online और ईपीएफ Account के फायदे: Employees can get 7 lakh rupees, Know the rules of EPFO क्या है 7 लाख पाने का एम्प्लॉईज प्रॉविडेंट फंड आर्गेनाइजेशन के नियम, जानिए पीएफ मृत्यु फंड दावा प्रक्रिया ऑनलाइन
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PF death claim process online: निजी (प्राइवेट) या सरकारी फर्म में कार्यरत ऐसे कर्मचारी जिनके वेतन से पीएफ का पैसा कटता है, उनको बीमे के सात लाख रुपये तक मुश्किल वक्त में मिल सकते हैं। निजी (प्राइवेट) कम्पनियों (फैक्ट्रियों) और सरकारी नौकरी करने वाले लोगों का उनके वेतन का एक छोटा सा हिस्सा पीएफ में हर माह जमा होता है, आपका यह पैसा आपको किसी अत्यंत आवश्यक कार्य या आकस्मिक जरूरत के वक्त मिल जाता है या तो फिर आपके रिटायरमेंट के समय पूरे (ब्याज) के साथ मिल जाता है। 

एम्प्लॉईज प्रॉविडेंट फंड आर्गेनाइजेशन के नियम पीएफ मृत्यु दावा प्रक्रिया ऑनलाइन 

PF death claim process online: आप में से बहोत कम लोग यह बात नहीं जानते होंगे कि, जिस व्यक्ति का पीएफ में पैसा जमा होता है उस पीएफ अकाउंट होल्डर को बीमा कवर भी मिलता है, और यह बीमा ‘लाइफ रिस्क पॉलिसी’ (जीवन जोखिम नीति) की तरह ही होता है। अगर दुर्भाग्य से पीएफ अकाउंट होल्डर की मौत हो जाती है, तो पीएफ मृत्यु दावा प्रक्रिया के बाद यह बीमे की रकम उसके परिजनों अथवा नाॅमनी (वारिस) को दे दी जाती है। 

दरअसल यह बीमा पीएफ अकाउंट होल्डर को ‘कर्मचारी डिपॉजिट इंश्योरेंस योजना’ (कर्मचारी जमा बीमा योजना) के माध्यम से प्राप्त होता है। इस योजना के अंतर्गत पीएफ खाताधारक का एक बीमा कराया जाता है, जिसकी जानकारी सभी कर्मचारियों को नही होती।

इसके तहत कर्मचारी की सेवा अवधि (नौकरी) के दौरान मृत्यु हो जाने पर संपूर्ण रासी एकसाथ भुगतान के रूप में निर्धारित बीमा रकम नॉमिनी (वारिस) को दी जाती है, जिससे की कर्मचारी के परिवार को आर्थिक रूप में मदद मिल सके। 

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पीएफ खाते में जमा पैसे के अलावा और कितना पैसा विषम स्थितियों में मिलता है आपको ? और इसके नियम क्या हैं ?

आइए यह भी जानते हैं..किस तरह मिल सकते हैं, कर्मचारी को 7 लाख रूपए..

आपके परिवार को मिल सकता है अधिकतम 7 लाख रुपये तक का भुगतान

‘कर्मचारी डिपॉजिट इंश्योरेंस योजना’ के तहत कर्मचारी को अधिकतम 7 लाख रुपये तक का बीमा मिलता है, यह राशि पहले 6 लाख रुपये ही निर्धारित थी, लेकिन पिछले वर्ष इसे बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है। 

एम्प्लॉईज प्रॉविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (EPFO) के सेवारत कर्मचारी की अगर सेवा (नौकरी) के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो उसके वारिस को 7 लाख रुपये तक का एकमुश्त भुगतान किया जाता है।

आईए जानते हैं कि बीमे की रकम की गणना किस तरह होती है..

बीमे की यह रकम सभी कर्मचारियों के लिए 7 लाख रुपये नहीं है, इसकी गणना और इसका निर्धारण कुछ अलग तरीके से होता है। कर्मचारी डिपॉजिट इंश्योरेंस योजना के बीमें से मिलने वाली रकम गत (एक वर्ष) 12 महीनों में मिले कुल मासिक वेतन का अधिकतम 30 गुना होती है, जो कि सात लाख से ज्यादा नहीं हो सकती है। 

इस स्थिति में आपके परिवार को इस योजना से अधिकतम 7 लाख तक का लाभ मिल सकता है। यह पैसे कार्यरत कर्मचारी की मृत्यु बाद उसके वारिस या परिवार के सदस्यों को मिलते हैं। 

बीमे का पैसा कर्मचारी की दुर्घटनावश (एक्सीडेंटल) या सामान्य मृत्यु के बाद मिलता है, जिसके लिए परिजनों को कुछ दस्तावेज पीएफ ऑफिस में जमा करने पड़ते हैं, उसके बाद ही बीमा क्लेम मिलता है। मृत्य प्रमाण पत्र के अलावा समस्त कागजी कार्यवाही (जो भी EPFO मांगे) पूरी करनी होती है, तभी किसी कर्मचारी की मृत्यु के बाद वारिस या फिर उसके कानूनन उत्तराधिकारी को यह पैसा मिलता है। 

नियोक्ता (इम्प्लॉयर) और कर्मचारी (पीएफ अकाउंट होल्डर) का योगदान पीएफ में कितना होता है ? जानते हैं..

ईपीएफ में कर्मचारी के बेसिक वेतन का 12% (प्रतिशत) पैसा जमा होता है, और ठीक उतना ही पैसा (जहां कर्मचारी काम कर रहा है) उसके ‘नियोक्ता’ द्वारा ईपीएफ में जमा किया जाता है, लेकिन इसके अलावा भी नियोक्ता के द्वारा एक योगदान दिया जाता है, जो कि कर्मचारी के बेसिक वेतन का 0.5% (प्रतिशत) होता है, और फिर इसी के अनुसार कर्मचारी की मृत्यु हो जाने पर उसके वारिस या फिर परिवार वालों को अधिकतम 7 लाख रुपये तक की बीमित राशि प्रदान की जाती है। 

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क्या आपको पता है कि अगर ईपीएफओ खाताधारकों की किसी कारण वश मौत हो जाती है तो ऑनलाइन क्लेम कैसे हासिल कर सकते हैं? अगर आपको नहीं पता है तो यह खबर आपके काम की है। दरअसल, खाताधारक की मौत हो जाने पर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन नॉमिनी को EPFO की पूरी राशि दे देता है।

लेकिन अक्सर ऐसा होता है कि इस लंबी प्रक्रिया से बचने के लिए नॉमिनी पीएफ का क्लेम ही नहीं करते हैं, लेकिन आपको पता नहीं होगा कि इस प्रक्रिया को सरल बना दिया गया है, और अब आप यह प्रक्रिया ऑनलाइन भी आसानी से पूरी कर सकते हैं। ईपीएफ सदस्यों के द्वारा नामांकन फॉर्म भरने के लिए ई-नामांकन की सुविधा भी है इसके अलावा लाभार्थी द्वारा पीएफ मृत्यु निकासी दावे के लिए एक ऑनलाइन प्रावधान भी है।

EPFO के पोर्टल पर ई-नामांकन की सुविधा उपलब्ध भी है, अब कोई भी सदस्य जिनके पास आधार कार्ड और यूएएन नंबर है वह इस सुविधा का लाभ उठा सकता है, कोई भी ईपीएफओ होल्डर ऑनलाइन जाकर लाभार्थी या नॉमिनी का नाम बदल सकता है या फिर अपडेट कर सकता है, लेकिन इस बात का ध्यान रहे कि ई-नॉमिनेशन की यह प्रक्रिया केवल आधार कार्ड इस्तेमाल करने वालों के लिए ही उपलब्ध है।

ईपीएफ के लाभार्थी को मेंबर नॉमिनी फॉर्म 10D, 20 और 5 IF भरना होता है, और यदि खाताधारक की मृत्यु हो जाती है, तो उस अवस्था में नामांकित व्यक्ति या लाभार्थी अपने आधार से लिंक किए गए मोबाइल नंबर पर ओटीपी के आधार पर ईपीएफ कम्पोजिट डेथ क्लेम फॉर्म जमा कर सकते हैं, और इसके अलावा भी लाभार्थी या नामित व्यक्ति ऑफलाइन मोड में भी डेथ क्लेम फॉर्म को ईपीएफओ के कार्यालय में जमा कर सकता है।

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