Anemia Symptoms: आप समय रहते खून की कमी के इन शुरुआती लक्षणों की पहचान कर सकते हैं तो, समस्या गंभीर होने से पहले ही इसका उपचार भी किया जा सकता है।
पहले जानते हैं कि शरीर में खून की कमी क्यों होती है
- जब शरीर के रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण कम होने लगता है, और इसके नष्ट होने की प्रक्रिया ज्यादा होने लगती है।
- सर्जरी के बाद या महिलाओं में डिलीवरी के बाद अत्यधिक रक्तस्राव होने से।
- भूख ना लगना, मन विचलित होना, उल्टी होना आदि के कारण वे सभी पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिल पाते जिसकी वजह से रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण होता है।
- खून या रक्त कैंसर होने की वजह से।
- रक्तदान के बाद अगर किसी व्यक्ति को सही और नियमित रूप से पौष्टिक आहार न मिलने पर।
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Anemia Symptoms: खून की कमी के लक्षण और उपचार कुछ इस प्रकार हैं
अगर किसी के शरीर में खून की कमी हो रही है, या फिर हो गई है तो ऐसे में कई तरह के लक्षण दिखाई देने लगते हैं, ये लक्षण कई अलग अलग तरह के हो सकते हैं, और अगर आप समय पर उनकी पहचान कर लेते हैं, तो इसके परिणाम गंभीर होने से पहले ही, इसका उपचार किया जा सकता है।
खून की कमी के लक्षण
1. त्वचा पर पीलापन दिखाई देना2. दिल की धड़कन तेज होना
3. सांस लेने में दिक्कत होना
4. बहुत कमजोरी या ज्यादा थकान महसूस होना
5. बार बार चक्कर आना या बेहोश होना
6. सिर में दर्द होने की समस्या का बढ़ना
7. त्वचा सफेद दिखना
8. पैरों या चेहरे पर सूजन आना
9. पैदल चलने पर सीने में दर्द होना
10. नाखूनों के अंदर सफेदी या हल्का पीलापन दिखना
खून की कमी की पहचान या पुष्टि करने के लिए
खून की कमी होने की पुष्टि करने के लिए खून की जांच मतलब कंप्लीट ब्लड काउंट करना ही एकमात्र और सही विकल्प है, इसलिए अपने चिकित्सक से परामर्श लें और तुरंत खून की जांच करवाएं।
खून की कमी का इलाज
- कुछ मामलों में डॉक्टर विटामिन बी 12, आयरन या फोलिक एसिड देते हैं या लेने की सलाह देते हैं क्योंकि ये लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में सहायक होते हैं।
- कुछ मामलों में मरीज के शरीर में खून भी चढ़ाया या डाला जाता है।
- ऐसी दवाइयां भी दी जाती हैं जिनसे लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण होता है।
क्या खाएं और क्या न खाएं
- हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, हरी मेथी, सोवा, बथुआ आदि खाना बहुत ही फायदेमंद होता क्योंकि इसमें आयरन अत्यधिक होता है।
- अनार और चुकंदर का जूस बनाकर पीना और शकरकंद आदि अत्यंत लाभदायक होते है।
- किशमिश, बादाम, छुहारा आदि का नियमित सेवन करें।
- केला खाना या फिर इसे दूध के साथ खाना भी फायदेमंद होता है।
- सभी प्रकार की दाल और सोयाबीन खाना भी बहुत लाभदायक सिद्ध होता है।
- चाय और कॉफी आदि का सेवन बहुत कम या फिर बिल्कुल न करें, नशीले पदार्थों का सेवन बिल्कुल भी ना करें।
- सेब का नियमित सेवन करें। ज्यादा तीखा, मसालेदार भोजन से परहेज करना लाभदायक होगा।
- गाजर का ज्यूस और स्ट्रॉबेरी भी बहुत लाभदायक होते हैं, इसका भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- टमाटर भी बहुत लाभदायक होता है, ये विटामिन ए, और सी, पोटेशियम, फास्फोरस, और मैग्नीशियम आदि का अच्छा स्रोत है।
क्या करें और क्या ना करें
- जितना हो सके आराम करें, ज्यादा मेहनत का काम बिल्कुल ना करें।
- ज्यादा घूमना फिरना भी बंद कर दें, जितना हो सके घर पर ही रहें।
- कम बोलना ज्यादा फायदेमंद होता है इसलिए ज्यादा बातें भी ना करें।
- सिर्फ पौष्टिक खाद्य पदार्थों का ही सेवन करें, बाजार की, या ज्यादा तेल मसालेदार चीजें खाना नुकसानदायक साबित हो सकता है।
- हो सके तो ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियों और फलों का सेवन करें।
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